Pravasi Bharatiya Divas: PM Modi और President Murmu द्वारा उद्घाटन और समापन, 18वें Pravasi Bharatiya Divas सम्मेलन की जानकारी
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भारत सरकार हर दो साल में प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) का आयोजन करती है, जो भारतीय प्रवासियों के योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस वर्ष यह आयोजन ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 9 जनवरी को होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका समापन करेंगी। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में लगभग 7,500 लोग, जिसमें स्थानीय प्रतिभागी भी शामिल हैं, भाग लेंगे। इस लेख में हम आपको इस आयोजन की तिथियों, कार्यक्रमों और इस दिन के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी देंगे।
18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन
18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी 2025 को करेंगे। यह सम्मेलन भुवनेश्वर के जनतामैदान में आयोजित होगा। प्रधानमंत्री मोदी का भुवनेश्वर दौरा 8 जनवरी को शुरू होगा, जब वह भारतीय वायु सेना के विमान से विशाखापत्तनम से भुवनेश्वर पहुंचेंगे। पीएम मोदी 8 जनवरी की रात राजभवन में रुकेंगे और अगले दिन 9 जनवरी को सुबह 10 बजे जनतामैदान पहुंचकर इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी दो घंटे में दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यक्रम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 9 जनवरी 2025 को भुवनेश्वर पहुंचेंगी। उनका आगमन लगभग 4:35 बजे होगा। राष्ट्रपति मुर्मू सम्मेलन में 10 जनवरी को प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लेंगी, जिसमें प्रवासी भारतीय सम्मान समारोह भी शामिल है। राष्ट्रपति मुर्मू के कार्यक्रम के अनुसार, वह 10 जनवरी को ट्रिनिडाड और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मुलाकात करेंगी। इसके बाद वह प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार देंगी। 10 जनवरी को शाम 5:25 बजे राष्ट्रपति मुर्मू दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
सम्मेलन का आयोजन और प्रमुख तिथियाँ
इस सम्मेलन का आयोजन ओडिशा सरकार द्वारा किया जा रहा है, जिसमें राज्य सरकार ने सभी तैयारियां पूरी करने के लिए जरूरी निर्देश दिए हैं। इस सम्मेलन का आरंभ 8 जनवरी को ‘यंग प्रवासी भारतीय दिवस’ के रूप में होगा। इस दिन प्रवासी युवाओं के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और उनकी सफलता की कहानियों को साझा किया जाएगा।
इसके बाद, 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस सम्मेलन का उद्घाटन किया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इस दिन 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। गांधीजी के भारत लौटने को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है। इस दिन के बाद उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया था।
कुल मिलाकर यह तीन दिवसीय सम्मेलन प्रवासी भारतीयों के योगदान को मान्यता देने के लिए एक शानदार अवसर है। इस कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों के दौरान भारतीय प्रवासियों द्वारा किए गए शानदार कार्यों को साझा किया जाएगा और उन्हें प्रेरित किया जाएगा।
प्रवासी भारतीय दिवस का ऐतिहासिक महत्व
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी। यह दिन 9 जनवरी को मनाने का निर्णय लिया गया था क्योंकि 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। गांधीजी का यह भारत आगमन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए निर्णायक क्षण साबित हुआ। इस दिन को ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ के रूप में मनाने का उद्देश्य भारत के उन नागरिकों को सम्मानित करना है जो विदेशों में रहकर भारतीय समाज और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करते हैं और भारत के विकास में योगदान देते हैं।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (Pravasi Bharatiya Samman) भी प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार उन प्रवासी भारतीयों को दिया जाता है जिन्होंने विदेशों में रहते हुए अपने उत्कृष्ट कार्यों से भारतीय समाज और संस्कृति का नाम रोशन किया हो। इस पुरस्कार के माध्यम से भारत सरकार प्रवासी भारतीयों के योगदान को सराहती है और उनके कार्यों को प्रोत्साहित करती है। इस वर्ष भी कई भारतीय नागरिकों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख अतिथि
इस सम्मेलन में प्रमुख रूप से भारत के साथ-साथ अन्य देशों के वरिष्ठ नेताओं, राजनयिकों, और प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्य भाग लेंगे। यह एक मंच होगा जहां विभिन्न देशों में बसे भारतीयों को अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिलेगा। साथ ही यह एक महत्वपूर्ण मौका है जहां भारतीय सरकार प्रवासी भारतीयों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठा सकती है।
प्रवासी भारतीयों का योगदान
भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। विदेशों में बसे भारतीयों ने न केवल अपने क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की है, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, भाषा और विरासत के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखते हुए भारत के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करते रहे हैं। प्रवासी भारतीय समाज भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, विशेष रूप से विदेशी मुद्रा भेजने के रूप में, जो देश की विकास दर को प्रभावित करता है।
18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन इस बार ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में यह सम्मेलन प्रवासी भारतीयों के योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। इस सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों को उनकी सफलता और योगदान के लिए मान्यता दी जाएगी। भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच के संबंधों को मजबूत करने के लिए यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।